जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में अमेरिकी दादागीरी का जवाब कैसे देंगे PM Modi ?
New Delhi, Nov 29 : दुनिया के डेढ़ सौ से ज्यादा देशों के बड़े नेता Paris में जुट रहे हैं, मौका है 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलने वाले जलवायु परिवर्तन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का। दुनिया के देश बढ़ते प्रदूषण और इससे हो रहे जलवायु परिवर्तन पर गंभीर मंथन करेंगे। इस सम्मेलन को कॉप 21 नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य कार्बन के उत्सर्जन को सीमित करने और धरती के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए एक दीर्घकालिक समझौता करना है। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन जैसे बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हो रहे हैं, वो बढ़ते तापमान पर अपनी बात रखेंगे। सबकी नजर इस बात पर रहनेवाली है कि वो इस मसले पर अमेरिकी दादागीरी का किन शब्दों में जवाब देंगे। PM Modi जलवायु परिवर्तन को पहले ही बड़ी चुनौती बता चुके हैं लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री, जलवायु सम्मेलन से पहले बयानबाजी कर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर चुके हैं।
कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्न दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है इसमें किसी को संदेह नहीं। कार्बन उत्सर्जन से धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है। अब तक रिकॉर्ड किए गए 10 सबसे ज्यादा गर्म वर्षों में 9 साल सन 2000 के बाद रिकॉर्ड किए गए हैं। कार्बन उत्सर्जन को ही लू, बाढ़, सूखा और समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी का कारण माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि धरती के तापमान को बढ़ने से नहीं रोका गया तो दुनिया को तूफान, सूखे और समुद्र के जलस्तर बढ़ने जैसी भयंकर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। Paris सम्मेलन में ऐसा रास्ता निकालने कोशिश होगी जिससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाई जा सके और विकासशील देश अपनी विकास यात्रा को जारी भी रख सकें। लेकिन इस मुद्दे पर विकसित और विकासशील देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं।
[from www.indiatrending.com, 29 november 2015]